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अपने ही गर्भ में छिपा लो…सिखा दो…अभेद्य मंत्र

चौराहा-chauraha
चौराहा-chauraha
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अनजाने चेहरों वाली / सीमाओं से पार / भाषाओं से इतर / कई तस्वीरें / देखीं / सुनीं / पहली-पहली बार / तुम्हारे ही संग / उनमें बसा प्रेम / उभरा तब तुम्हारी आंख से / छलका हमारे होंठों तक / आज फिर / गया उसी दौर में / पर अबूझ रह गए / वो चित्र / जड़ हैं नायक / स्थिर नायिकाएं / ना वहां युद्ध था / ना प्रेम / था तो बस / एक अटूट एकांत / सन्नाटा / जिसे चीर पाना / नहीं मुमकिन / मेरे लिए / बिना तुम्हारे / अब अपने ही गर्भ में / छिपा लो / जन्म देने से पहले / सिखा देना / अवाक् हो जाने के / चक्रव्यूह से निकलने का / अभेद्य मंत्र

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